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सियाह रात / प्रेरणा सारवान
Kavita Kosh से
अमावस्या की शाम को
जाने किस
ख्याल मेँ खोई
दीवानी रात
आँखोँ मेँ कुछ ज्यादा ही
काजल डाल लेती है
शायद इसीलिए
उस रात
सियाह रात के खौफ से
फ़लक़ पर
चांद नहीँ निकलता है।