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सुनो बावरे नचिकेता की / कुमार रवींद्र
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सुनो
बावरे नचिकेता की उलटी बातें
मृत्युपुरी में वह
जीवन के प्रश्न पूछता -
साँसें, देह पोसती हैं जो
हो जाती हैं कहाँ लापता
दिन के बाद
रोज़ होतीं क्यों अंधी रातें
चकित मृत्यु के देव
सोचते, क्या दें उत्तर
नियम यही है
कोंपल होगी- फूल खिलेंगे
होगा पतझर
सूर्य तपेंगे
होगी फिर निशि-दिन बरसातें
क्यों होता यह
कौन नियंता - किसकी लीला
कौन रच रहा माया सारी
नचिकेता का प्रश्न हठीला
यम क्या जानें
महाकाल की सारी घातें