हमारा समय / निकअलाय रेरिख़ / वरयाम सिंह
उठो मित्र, समाचार मिल चुका है
पूरे हो गए हैं तुम्हारे विश्राम के क्षण
अब मालूम हुआ है मुझे
कहाँ खो गया था
पवित्र चिह्नों में से एक वह चिह्न ।
सोचो तो कितनी ख़ुशी होगी हमें
यदि ढूँढ़ सकें हम वह चिह्न ।
हमें निकल जाना होगा सूरज निकलने से पहले
पूरी करनी होंगी तैयारियाँ एक रात में ।
देखो तो कैसा है आज की रात का आकाश !
पहले कभी नहीं दिखा वह इतना सुन्दर ।
उसका वह रूप मुझे याद नहीं रह सकेगा ।
अभी कल ही तो आसन्दी
इतनी उदास थी और इतनी निष्प्रभ,
सहमी-सहमी टिमटिमा रही थी चित्रा
और शुक्र ने तो दर्शन ही नहीं दिए,
घर अब सब चमकने लगे हैं
चमक उठे हैं सप्तऋषि और स्वाति ।
दूर नक्षत्रमालाओं के पीछे
चमकने लगे हैं नए-नए तारे
दिखने लगा है
आकाशगंगाओं का स्पष्ट और पारदर्शी धुँधलापन ।
क्या तुम्हें दिखाई नहीं दे रहा यह रास्ता
जिस पर से हमें खोज निकालना है कल उसे ।
जाग उठे हैं आकाश पर अंकित अक्षर ।
उठाओ अपनी सम्पदा !
अपने साथ हथियार ले जाने की ज़रूरत नहीं ।
जूते कसकर पहनना
कसकर बाँधना अपनी कमर !
पत्थरों से भरा होगा हमारा रास्ता ।
चमकने लगा है पूरब ।
समय आ गया है अब हमारा ।
मूल रूसी भाषा से अनुवाद : वरयाम सिंह
लीजिए, अब यही कविता मूल भाषा में पढ़िए
Николай Рерих
Пора
Встань, друг. Получена весть.
Окончен твой отдых.
Сейчас я узнал, где хранится
один из знаков священных.
Подумай о счастье, если
один знак найдем мы.
Надо до солнца пойти.
Ночью всё приготовить.
Небо ночное, смотри,
невиданно сегодня чудесно.
Я не запомню такого.
Вчера еще Кассиопея
была и грустна и туманна,
Альдебаран пугливо мерцал.
И не показалась Венера.
Но теперь воспрянули все.
Орион и Арктур засверкали.
За Алтаиром далеко
новые звездные знаки
блестят, и туманность
созвездий ясна и прозрачна.
Разве не видишь ты
путь к тому, что
мы завтра отыщем.
Звездные руны проснулись.
Бери свое достоянье.
Оружье с собою не нужно.
Обувь покрепче надень.
Подпояшься потуже.
Путь будет наш каменист.
Светлеет восток. Нам
пора.