भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

हाइकु 13 / लक्ष्मीनारायण रंगा

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

बिक रैया है
तन-मन-धरम
घटी दरां में


अश्वत्थामां थूं
अखी सिड़तो घाव
महाभारत रो


जद आंसूड़ा
अगन दांई झरै
कविता रचै