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होती है 'लाइफ़ आफ़्टर डैथ' भी / वंदना गुप्ता
Kavita Kosh से
सुना था
लाइफ़ आफ़्टर डैथ के बारे में
मगर आज रु-ब-रु हो गया... ... ... तुम्हारे जाने के बाद
ज़िन्दगी जैसे मज़ाक
और मौत जैसे उसकी खिलखिलाती आवाज़
गूँज रही है अब भी कानों में
भेद रही है परदों को
अट्टहास की प्रतिध्वनि
और मैं सोच में हूँ
क्या बदला ज़िन्दगी में मेरी
और तुम्हारी... जब तुम नहीं हो कहीं नहीं
फिर भी आस पास हो मेरे
मेरे ख्यालों में ख्याल बनकर
तब आया समझ इस वाक्य का अर्थ
होती है "लाइफ़ आफ़्टर डैथ" भी... ... अगर कोई समझे तो!