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हौंसलों में फ़कत उतार सही / शेरजंग गर्ग
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हौंसलों में फ़कत उतार सही
वक़्त ज्यादा ही होशियार सही
आप कितना गलत-गलत समझें
हमको कहना है बार-बार सही
हम तो पैदल चलेंगे मंज़िल तक
आप ही पाँचवे सवार सही
वक़्त की त्योरियाँ भी उतरेंगी
और थोड़ा-सा इंतज़ार सही
जो नज़ारे नज़र नहीं आते
उन नज़ारों की यादगार सही
नाउम्मीदी से लाख बेहतर है
एक उम्मीद दाग़दार सही