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ॾेती लेती / हरूमल सदारंगाणी ‘ख़ादिम’
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था चवनि:
“आह धीउ पराओ धन“
थी सधेई
त जल्द ॿाहर कढु
जेतिरो वक्त
उन खे
घर रखंदें
ओतिरो घणो भरीदें व्याज
मतां रखिणो पवेई गिर्वी पाणु!