भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

अंतराल / वाज़दा ख़ान

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

हिन्दी शब्दों के अर्थ उपलब्ध हैं। शब्द पर डबल क्लिक करें। अन्य शब्दों पर कार्य जारी है।

अन्तर्मन में रचा संसार और
बाह्य आवरण का संसार

न जाने क्यों अलग-अलग
ध्रुव बन जाते हैं

फिर तादातम्य स्थापित करने के
प्रयास में निरन्तर

अन्तराल ही बढ़ाते जाते हैं ।