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अंतर में विश्वास जगाओ / अजय अज्ञात
Kavita Kosh से
अंतर में विश्वास जगाओ
उम्मीदों के दीप जलाओ
जीते जी हिम्मत मत हारो
बाधाओं से जा टकराओ
संयम और समझ से अपनी
हर मुश्किल आसान बनाओ
कर लो दूर उदासी मन की
होठों पर मुस्कान सजाओ
पीछे मुड़़ कर मत देखो तुम
जीवनपथ पर बढ़ते जाओ
कोई मौका मत चूको तुम
हर अवसर का लाभ उठाओ