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अमन चैन की फ़िक्र करते हैं लेकिन / डी. एम. मिश्र

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अमन चैन की फ़िक्र करते हैं लेकिन
ग़लत हो रहा हो तो लड़ते हैं लेकिन

नहीं टूट सकते हैं पक्के इरादे
वो कैसे भी खंभे हों गिरते हैं लेकिन

दिलों में भरे हैं न जाने वो क्या-क्या
बहुत सोचकर बात करते हैं लेकिन

बिना बात के भी ख़फा लोग होते
ख़फा होके भी बात करते हैं लेकिन

नहीं सोचते हैं कि अच्छा करें ख़ुद
किसी की तरक़्क़ी से जलते हैं लेकिन

सुना है कि उनके भी धन की कमी है
मदद दूसरों की वो करते हैं लेकिन

उधर बाज़ बैठा इधर है शिकारी
कबूतर ख़लाओं में उड़ते हैं लेकिन