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आततायियों से क्या लड़ने वाला कोई है / डी. एम. मिश्र
Kavita Kosh से
आततायियों से क्या लड़ने वाला कोई है
लोग बेख़बर जु़ल्म रोकने वाला कोई है
चन्द्रयान के बारे में सबको जिज्ञासा हो
क्या ग़रीब का हाल पूछने वाला कोई है
राष्ट्रवाद का नशा चढ़ा है सत्ताधीशों को
देश जा रहा कहाँ सोचने वाला कोई है
बेगुनाह चौरस्ते पर मारे जाते हर दिन
गुनहगार को मगर पकड़ने वाला कोई है
डींग हाँकने वाले तो बहुतेरे घूम रहे
भ्रष्ट हुकूमत मगर बदलने वाला कोई है
लोग स्वार्थ में अंधे उनसे क्या उम्मीद करें
भूल जाइये जनहित करने वाला कोई है