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आपके पास / ज़िन्दगी को मैंने थामा बहुत / पद्मजा शर्मा

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जब मैं कहती हूँ कि मैं निराश हूँ
तब मैं निराशा के पास कम
आशा के साथ ज्य़ादा होती हूँ

जब मैं कहती हूँ कि मैं खुश हूँ
तो असल में मैं खुश दिखती हूँ
होती नहीं हूँ
जबकि खुश रहना चाहती हूँ