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इबारतें / प्रेमशंकर रघुवंशी
Kavita Kosh से
भाषा ने
जब
आकाश की तरफ़ देखा
तो
नीले पन्ने पर
सूरज से
ऊर्जा लेकर
चाँद तारों ने
इबारतें लिख डालीं उस पर !!