भूल जाओ कि तुम पहले भी थे
मान लो कि इस विश्व निखिल में
इसी बार प्रथम आए तुम ।
इससे पहले तुम कहीं भी नहीं थे
न थे आकाश में, नदी में, जल में, घास में
नहीं थे पत्थरों में झरने के बगल में
इसी बार प्रथम आए तुम ।
इससे पहले तुम किसी भी शय में नहीं थे ।
फूलों में भी नहीं थे, फलों में भी नहीं थे
नाक, मुँह, आँख, बालों में भी नहीं थे ।
इसी बार प्रथम आए तुम ।
इससे पहले तुम यहाँ नहीं थे
इससे पहले तुम वहाँ नहीं थे
इससे पहले तुम कहीं भी नहीं थे
इसी बार प्रथम आए तुम ।
रात के पुण्य लगन में नहीं थे
नील नवघन गगन में नहीं थे
इसी बार प्रथम आए तुम ।
इससे पहले तुम तुम भी नहीं थे
इसी बार प्रथम आए तुम ।
मूल बांग्ला से अनुवाद : सुलोचना वर्मा
लीजिए, अब मूल बांग्ला में यही कविता पढ़िए
নির্মলেন্দু গুণ
এবারই প্রথম তুমি
ভুলে যাও তুমি পূর্বেও ছিলে
মনে করো এই বিশ্ব নিখিলে
এবারই প্রথম তুমি৷
এর আগে তুমি কোথাও ছিলে না
ছিলে না আকাশে, নদী জলে ঘাসে
ছিলে না পাথরে ঝর্ণার পাশে৷
এবারই প্রথম তুমি৷
এর আগে তুমি কিছুতে ছিলে না৷
ফুলেও ছিলে না, ফলেও ছিলে না
নাকে মুখে চোখে চুলেও ছিলে না৷
এবারই প্রথম তুমি৷
এর আগে তুমি এখানে ছিলে না
এর আগে তুমি সেখানে ছিলে না
এর আগে তুমি কোথাও ছিলে না৷
এবারই প্রথম তুমি৷
রাতের পুণ্য লগনে ছিলে না
নীল নবঘন গগনে ছিলে না৷
এবারই প্রথম তুমি৷
এর আগে তুমি তুমিও ছিলে না৷
এবারই প্রথম তুমি৷