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एक चाहत आसमान भर / संजीव बख़्शी
Kavita Kosh से
एक चिड़िया
गोल-गोल आँखों से
गर्दन घुमा-घुमा
देखती है एक हेलिकोप्टर को ।
देखती है
उसमे ईंधन का डालना,
पायलट का स्विच आन करना,
और गड़गड़ाहट के साथ
बड़े-बड़े पंखो का घूमना
क्षण भर में
हेलीकाप्टर का हो जाना ओझल
उसकी आँखों से ।
देखती है यह, वह चिड़िया,
जाती है पोखर
चोंच भर पीती है पानी,
दो गुनी रफ़्तार से उड़ जाती है
आसमान की ओर फुर्र....।