ऐसा नहीं करना, कभी वैसा नहीं करना
इक बार बता दो मुझे, क्या क्या नहीं करना
कल मैंने कहा था न, तुम्हें भूल चुका हूँ
वो झूठ था, तुम उस पे भरोसा नहीं करना
ख़ुद को तो भुला बैठा हूँ, तुमको भी भुला दूँ
इतना भी मुझे अपना ख़सारा1 नहीं करना
ऐ चारागरो, दर्द मेरा उसकी अता है
रहने दो मुझे इसका मुदावा2 नहीं करना
पूछा जो सबब ज़ब्त का, फिर फूट पड़ेंगीं
अब छोड़ो, मुझे आँखों को दरिया नहीं करना
नींदें, मेरी रातें, मेरे सपने, मेरे आँसू
जाओ भी मुझे इनका तक़ाज़ा नहीं करना
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