ओ पिया फौजी मनै, बंग्लादेश दिखा दे
हा-हाकार कुटुम्ब कुणबे का, रुधन कलेश दिखा दे...टेक
छांट-छांट कै सुन्दर लड़की, काढ़ लई बंगलास के म्हां की
पश्चिम पाकिस्तान भेज दी, बेटी, पोती बड़े घरां की
जाड़ चाबता याहियां खां, जहरी नेस दिखा दे...
कदे भी मीठा हो सकता ना, कड़वा पाता नीम का
राज नशे में हुकम दे दिया, अंटा खाकै फीम का
हुआ बिना खता नजीम का, कैदी भेष दिखा दे...
हार हमेशा रह पाप की, जित्या करै धर्म का गाला
चिटगांव और ढाके आला, बीत्या केस दिखा दे...
ईश्वर राखै टेक ‘दयाचन्द’ जो हर की माला जपा करै
राज उसी का होया करै, जो मनुष्य जीव तपा करै
जित जंग के गाणे छपा करै, मायने की प्रेस दिखा दे...