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औंधी कुर्सी, उस पर पंडा / ऋषभ देव शर्मा

 
औंधी कुर्सी उस पर पंडा
पंडे के पीछे मुश्टंडा
 
गांधी टोपी, भगुआ कुरता
और हाथ में हिटलर डंडा
 
जनगण में बँट रहे निरंतर
नारे भाषण प्रोपेगंडा
 
मन्दिर की बुर्जी के ऊपर
लहराता दंगल का झंडा
 
कोड़े खाते, पिटते उबला
कैसे खून भला हो ठंडा