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कनक / जगदीश तपिश
Kavita Kosh से
- लड़खड़ाते हुए तुमने जिसे देखा होगा / जगदीश तपिश
- महसूस हो रही थी शर्मिंदगी मुझे / जगदीश तपिश
- मंदिर से मस्ज़िदों से मैं दूर भागता हूँ / जगदीश तपिश
- रह कर भी साथ तेरे तुझ से अलग रहे हैं / जगदीश तपिश
- बेच दूंगा मैं ख़ुद को खरीदेंगे आप / जगदीश तपिश
- उठा के हाथ लेता हूँ बढ़ा के हाथ देता हूँ / जगदीश तपिश
- नौ मुक्तक / जगदीश तपिश
- कुछ मुक्तक / जगदीश तपिश