भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
कस कर कमर समर की तयारी करौ / नाथ कवि
Kavita Kosh से
कस कर कमर समर की तयारी करौ।
आयौ द्वार दुश्मन ताहि मार कैं भगावेंगे॥
गावेंगे सु-एकता के सुन्दर अनूठे राग।
हिन्दू औ मुसलिम समस्या सुलझायेंगे॥
आयेंगे न अब हम विदेशियों की चालों में।
भारत को जल्दी आजाद भी बनायेंगे॥
नावेंगे न माथ ‘नाथ’ जौ लौ वीर भारत के।
तन धन, बाकी तौ लौ भारत बचायेंगे॥