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किस को लहद और मर्ग का डर हो / 'रशीद' रामपुरी
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किस को लहद और मर्ग का डर हो
घर का सा आराम अगर हो
वो हो और अदू का घर हो
रो रो कर किस तरह सहर हो
हाल मिरा इस तरह दिगर हो
आह इधर हो वाह उधर हो
हर दम हो एहसास अलम का
दिल सा हमारा हाल अगर हो
मोम का सा अहवाल हो दिल का
उस को अगर अल्लाह का डर हो
उस का दिल और दर्द अदू का
किस का दिल और किस का घर हो
होगा हर दम दर्द का सदमा
दिल गो लाख आराम का घर हो