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'रशीद' रामपुरी
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'रशीद' रामपुरी
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| जन्म | 1895 | 
|---|---|
| निधन | 1962 | 
| जन्म स्थान | |
| कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
| विविध | |
| जीवन परिचय | |
| 'रशीद' रामपुरी / परिचय | |
ग़ज़लें
- अहल-ए-नज़र की आँख में हुस्न की आबरू नहीं / 'रशीद' रामपुरी
 - ऐ दिल इस का तुझे अंदाज़-ए-सुख़न याद नहीं / 'रशीद' रामपुरी
 - अल्लाह रे हौसला मिरे क़ल्ब-ए-दो-नीम का / 'रशीद' रामपुरी
 - छुट गए हम जो असीर-ए-ग़म-ए-हिज्राँ हो कर / 'रशीद' रामपुरी
 - दिल इश्क़ में उन के हारते हैं / 'रशीद' रामपुरी
 - दिल की बे-इख़्तियारियाँ न गईं / 'रशीद' रामपुरी
 - दिल की क्या क़दर हो मेहमान कभी आए न गए / 'रशीद' रामपुरी
 - है निहायत सख़्त शान-ए-इम्तिहान-ए-कू-ए-दोस्त / 'रशीद' रामपुरी
 - हैं बे-नियाज़-ए-ख़ल्क तिरा दर है और हम / 'रशीद' रामपुरी
 - हैं सर-निगूँ जो ताना-ए-ख़ल्क-ए-ख़ुदा से हम / 'रशीद' रामपुरी
 - इन हसीनों की मोहब्बत का भरोसा क्या है / 'रशीद' रामपुरी
 - जब नज़र उस ने मिलाई होगी / 'रशीद' रामपुरी
 - जिस की गिरह में माल नहीं है / 'रशीद' रामपुरी
 - कहते हो मुझे बे-अदब ख़ैर में बे-अदब सही / 'रशीद' रामपुरी
 - खुला ये उन के अंदाज़-ए-बयाँ से / 'रशीद' रामपुरी
 - किस को लहद और मर्ग का डर हो / 'रशीद' रामपुरी
 - किसी का उन्हें पास-ए-ग़ुर्बत नहीं है / 'रशीद' रामपुरी
 - मिरा नाम क़ैस क्यूँ कर तिरे नाम तक न पहुँचे / 'रशीद' रामपुरी
 - मिरे घर के लो जो घर मुझी को सुपुर्द कर के चले गए / 'रशीद' रामपुरी
 - मोहब्बत में दिल सख़्तियाँ और भी हैं / 'रशीद' रामपुरी
 - मुफ़्त दुश्नाम-ए-यार सुनते हैं / 'रशीद' रामपुरी
 - तर्क-ए-सितम पे वो जो क़सम खा के रह गए / 'रशीद' रामपुरी
 - तुझ से वहशत में भी ग़ाफ़िल कब तिरा दीवाना था / 'रशीद' रामपुरी
 - उन के घर आना नहीं जाना नहीं / 'रशीद' रामपुरी
 - उठ कर तिरे दर से कहीं जाने के नहीं हम / 'रशीद' रामपुरी
 
	
	
