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कीट—पतंगे, पशु—पक्षी, आदम / जहीर कुरैशी

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कीट—पतंगे,पशु—पक्षी, आदम भी शामिल रहते हैं
अपनी इस दुनिया में जड़—जंगम भी शामिल रहते हैं

सिर्फ उजालों से धरती का काम नहीं चलने वाला
इसीलिए जगमग जीवन में तम भी शामिल रहते हैं

पहले जिसको कभी नहीं देखा , उसके ही बारे में
चिंतन करते समय अनेकों भ्रम भी शामिल रहते हैं

कई बार, गिरते—गिरते हम गिरने से बच जाते हैं
उस बचाव में, बरसों के संयम भी शामिल रहते हैं

पहले केवल याददाश्त का संबल था, लेकिन, अब तो,
यादें ताजा करने में अलबम भी शामिल रहते हैं