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कुछ वैसा ही / निकानोर पार्रा / देवेश पथ सारिया

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पार्रा हंसता है जैसे
उसे नरक की सज़ा मिली हो
पर कवि कब नहीं हंसते थे ?
कम-से-कम वह अपना हंसना स्वीकार करता है

कवि वर्षों गुज़ार देते हैं
या कम-से-कम प्रतीत होते हैं गुज़ारते हुए
बिना किसी परिकल्पना के
जैसे सब कुछ घटित हो रहा अपने आप

अब पार्रा रोता है
भूलकर कि वह एक प्रतिकवि है



तनाव मत लो
कोई नहीं पढ़ता आजकल कविताएँ
अच्छी या बुरी, कैसी भी



चार कमियों के लिए मेरी ओफ़ीलिया मुझे कभी माफ़ नहीं करेगी

उम्रदराज़
तुच्छ
साम्यवादी
और साहित्य का राष्ट्रीय पुरस्कार

"मेरा परिवार शायद तुम्हें माफ़ कर भी दे
पहली तीन कमियों के लिए
पर चौथी के लिए हरगिज़ नहीं"



मेरी लाश और मेरी परस्पर समझ बड़ी अद्भुत है
मेरी लाश पूछती है : क्या तुम ईश्वर में यक़ीन रखते हो ?
और मैं दिल खोलकर मना करता हूँ
मेरी लाश पूछती है : क्या तुम सरकार में यक़ीन रखते हो ?
और मैं हथौड़ी और दराँत से जवाब देता हूँ
मेरी लाश पूछती है : क्या तुम पुलिस में यक़ीन रखते हो ?
और मैं उसके मुँह पर मुक्का जड़ देता हूँ
तब वह ताबूत से उठ खड़ी होती है
और हम बाहों-में-बाहें डाल वेदी की तरफ़ जाते हैं



गृह कार्य
एक साॅनेट बनाओ
जो निम्नांकित पंचपदी पद्य से शुरू होती हो:
मैं तुमसे पहले मरना चाहता हूं
और जो समाप्त होती हो इस पर:
मैं चाहूंगा कि पहले तुम मर जाओ



तुम जानते हो क्या हुआ
जब मैं घुटनों पर था
सलीब के सामने
ईसा के घावों को देखता हुआ ?

वह मुझे देख मुस्कराया और आँख मारी उसने !

पहले मैं सोचता था कि वह कभी नहीं हंसता :
पर हाँ, अब मुझे यक़ीन हो गया है



एक घिसा हुआ बूढ़ा
फेंकता है लाल कारनेशन के फूल
अपनी प्यारी मां के ताबूत पर

तुम सुन क्या रहे हो, सज्जनो और देवियो :
एक बूढ़ा शराबी
लाल कारनेशन के रिबन
बम की तरह फेंक रहा है
अपनी माँ के ताबूत पर


मैंने धर्म के लिए खेलों को छोड़ा
(मैं हर रविवार प्रार्थना सभा में जाता था)
मैंने धर्म को छोड़ा कला के लिए
कला को गणितीय विज्ञान के लिए

छोड़ता रहा
अन्ततः आलोक प्राप्ति तक

और अब मैं, बस, गुज़रता हुआ कोई हूँ
जिसका सम्पूर्ण या अंशों में कोई विश्वास नहीं

अँग्रेज़ी से अनुवाद : देवेश पथ सारिया