कैसे कहें ज़बान पर पहरा कड़ा नहीं
सच जानकर भी कोई यहां बोलता नहीं
बच्चे भी अब बनाएं न काग़ज़ की किश्तियाँ
पानी भी आंगनों में यहां ठहरता नहीं
अच्छा है दोस्ती का भरम रह गया जनाब
कोई भी काम आपसे मुझको पड़ा नहीं।
कैसे कहें ज़बान पर पहरा कड़ा नहीं
सच जानकर भी कोई यहां बोलता नहीं
बच्चे भी अब बनाएं न काग़ज़ की किश्तियाँ
पानी भी आंगनों में यहां ठहरता नहीं
अच्छा है दोस्ती का भरम रह गया जनाब
कोई भी काम आपसे मुझको पड़ा नहीं।