Last modified on 29 नवम्बर 2008, at 23:35

कोरा पन्ना / मरीना स्विताएवा

मैं कोरा पन्ना हूँ तुम्हारी क़लम के लिए
सब-कुछ स्वीकार है मुझे । सफ़ेद पन्ना हूँ मैं एक ।
मैं रक्षक हूँ तुम्हारी अच्छाइयों की ।
लेती रहूंगी सौ-सौ जन्म तुम्हारे लिए ।

गाँव हूँ मैं, काली ज़मीन हूँ
और तुम- धूप और वर्षा,
ईश्वर हो तुम
और मैं काली ज़मीन और सफ़ेद पन्ना ।

रचनाकाल : 10 जुलाई 1918

मूल रूसी भाषा से अनुवाद : वरयाम सिंह