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ग़म को भी अपने छुपाना सीखिये / डी. एम. मिश्र
Kavita Kosh से
ग़म को भी अपने छुपाना सीखिये
लाज़िमी है मुस्कराना सीखिये
है कहावत दिल मिले या न मिले
हाथ तो लेकिन मिलाना सीखिये
काम सब बिगड़े हुए बन जांयेगे
लोगों पे जादू चलाना सीखिये
हाल उसका पूछिये कैसे हैं आप
रस्म है, इसको निभाना सीखिये
पीठ पीछे कुछ किसी को भी कहो
सामने गर्दन झुकाना सीखिये
आदमी गर आपके है काम का
उससे फिर मिलना-मिलाना सीखिये
सिर्फ़ रिश्ते जोड़ना काफी नहीं
आप रिश्तों को निभाना सीखिये