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चक्की पीसे / प्रताप सहगल

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चलती चक्की
पीसे चक्की
खाए दाना/कहे सयाना
पीसे चक्की
चक्की पीसे
पीसे चक्की
नहीं थकी सो नहीं थकी
थकी है औरत
थकी हैं आंखें
लीड़े सुन्दर/सुन्दर गहने
पर चक्की तो कुछ न माने
नहीं थकी सो नहीं थकी
थकी है औरत।

दीवारों की लीपा-पोती
दाएं-बाएं फैली ज्योति
फिर भी औरत थकी-थकी
चक्की बिलकुल नहीं थकी
नहीं थकी सो नहीं थकी
पीसे दाना
पीसे औरत
चक्की पीसे
नहीं थकी सो नहीं थकी।