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चन्द सिक्को की खुराफ़ात से क्या होना है / शेरजंग गर्ग

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चन्द सिक्को की खुराफ़ात से क्या होना है?
आइए, सोच लें किस बात से क्या होना है?

पर फ़क़त बात से, ज़ज़्बात से क्या होना है?
कुछ फरिश्तों की इनायात से क्या होना है?

रोज़ करते है दुआ लोग, सुबह भी होगी,
चान्द-तारों से भरी रात से क्या होना है?

प्यार की एक-दो बून्दों की छ्लक काफ़ी है,
तोप-बारूद की बरसात से क्या होना है?

आदमी बन चुका इंसानियत की पैरोड़ी,
दोस्तो, ऐसे तज़ुर्बात से क्या होना है?

दर्द को पोसिए, फिर ठोस ज़मीं पर रखिए,
सर्द-से ख़ाम ख़यालात से क्या होना है?

अपने अहसान किसी और की जेबों में भरो,
हम फ़क़ीरों का इस ख़ैरात से क्या होना है?