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छोटका छौंड़ा / रामदेव भावुक

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रंगबाज बनाबै लेॅ सोचै छी, हमहूँ छोटका छौंड़ा के
हमराज बनावै ले सोचै छी, हमहूँ छोटका छौंड़ा के
छै आइ तलक जे गोंग ओकर
आबाज बनाबै लेॅ सोचै छी, हमहूँ छोटका छौंड़ा के
आतंकित छै जे डरि गेलै, ऊ जीते-जी जे मरि गेलै
ई लड़तै ओकरा संग मिलि कए, बिना लड़ल जे हरि गेलै
हम छोड़ि देलौं आशा कल्ह के
अब आज बनाबै लेॅ सोचै छी, हमहूँ छोटका छौंड़ा के
सब दिन गाय समझने छै, जेकरा भाय ने भाय समझने छै
ई समझैतै ओइ निमला के, जे ब’हु के भौजाय समझने छै
हंस के बंश भए गेलै उकान
अब बाज बनाबै ले सोचै छी, हमहूँ छोटका छौंड़ा के
दिन-राति दमन जे सहनै छै, जब जेना रखलके रहने छै
ई जुल्म के जुल्म कहै ले कहतै, जे जुल्म के जुल्म ने कहने छै
तिनका के सहारा हम नै अब
जहाज बनाबै ले, सोचै छी हमहूँ छोटका छौंड़ा के

जे सिक्सर नै कमर मे धरने छै नै दूनाली पर कबहु अकड़ने छै
ई पकड़इतै राइफल ओकरा, जे पेस्तौल ने कबहु पकड़ने छै
हारि देल कै जे हिम्मत, ओकर
मिजाज बनाबै लेॅ सोचै छी, हमहूँ छोटका छौंड़ा के