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जगविश्राम! मंगलधाम! / हनुमानप्रसाद पोद्दार
Kavita Kosh से
(राग विहाग)
राम राम राम राम राम राम राम।
राम राम राम राम राम राम राम।
जगविश्राम! मंगलधाम! पूरणकाम! सुन्दर नाम॥
योग-जप-तप-व्रत नियम-यम, यज्ञ-दान अपार।
राम-सम नहिं एक साधन, राम सब आधार॥
सब मिल कहो जय जय रामराम।
राम गुरु, पितु-मातु रामहि, राम सुहृद उदार।
राम स्वामी सखा रामहि, राम प्रिय परिवार॥
सब मिल कहो जय जय रामराम।
राम जीवन, राम तन-मन, राम धन-जन दार।
राम सुत, सुख-साज रामहिं, राम प्राणाधार।
सब मिल कहो जय जय रामराम।
राम राग, बिराग रामहि, राम स्नेहागार।
राम प्रेमद, राम प्रेमिक, प्रेम-पारावार॥
सब मिल कहो जय जय रामराम।
राम बिधि, शिव राम, पालक विष्णु विश्वाधार।
राममय जग, राम जगमय, रामही विस्तार॥
सब मिल कहो जय जय रामराम।