भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

जय वीणा पुस्तक धारिणी उपकार कर / सिया सचदेव

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

जय वीणा पुस्तक धारिणी उपकार कर
दे ध्यान भक्ति ये ज्ञानपुँज अपार कर

जय विद्या ज्ञान प्रदायनी माँ शारदे
ये ज्ञान चक्षु खोल दे उद्धार कर

मन नेह और विश्वास के दीपक जले
जगतारिणी अब तूही बेडा पार कर

हम सत्य सयंम त्याग का जीवन चुने
हो प्रेम सबके मन में, नेक विचार कर

हम स्वाभिमानी बन के साहस से जिए
जीवन में शक्ति , शौर्य, का संचार कर

ये तिमिर धूमिल कर विपुल आलोक से
माँ तू मेरी ये प्रार्थना स्वीकार कर

इस कंठ से गीतों की यूँ सरिता बहे
वीणा से अपनी ऐसी तू झंकार कर