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जरा सीख लो साँवरे प्यार करना / रंजना वर्मा
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जरा सीख लो साँवरे प्यार करना।
जो'रूठे हुए उनकी' मनुहार करना॥
समझते स्वयं को बड़ा ही खिलाड़ी
न सीखा मगर सामने वार करना॥
लड़ा सत असत से रहे देखते तुम
न चाहा कभी हाथ तलवार करना॥
मिली चार दिन के लिये ज़िन्दगानी
इसे व्यर्थ ही अब न बेकार करना॥
सदा युद्ध करते रहो शत्रुओं से
किसी पर न कोई अनाचार करना॥
बुजुर्गों का अपमान होने न पाये
किसी मोड़ उनको न लाचार करना॥
खिलाते रहो फूल सुखमय हँसी के
कहीं आँसुओं का न त्यौहार करना॥