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जिस्म का बरसों पुराना ये खँडर गिर जाएगा / मुनव्वर राना
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जिस्म का बरसों पुराना ये खँडर गिर जाएगा
आँधियों का ज़ोर कहता है शजर गिर जाएगा
हम तवक़्क़ो से ज़ियादा सख़्त-जाँ साबित हुए
वो समझता था कि पत्थर से समर गिर जाएगा
अब मुनासिब है कि तुम काँटों को दामन सौंप दो
फूल तो ख़ुद ही किसी दिन सूखकर गिर जाएगा
मेरी गुड़िया-सी बहन को ख़ुदकुशी करनी पड़ी
क्या ख़बर थी दोस्त मेरा इस क़दर गिर जाएगा
इसलिये मैंने बुज़ुर्गों की ज़मीनें छोड़ दीं
मेरा घर जिस दिन बसेगा तेरा घर गिर जाएगा