भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
जीते अंगरेज और हारे हर हिटलहर हु / नाथ कवि
Kavita Kosh से
जीते अंगरेज और हारे हर हिटलहर हु,
जो पै सहयोग भव्य भारत का पायेंगे।
झूठे वायदों से ये न मानें कभी नेतागण,
कर दो आजाद फिर जौहर दिखायेंगे॥
हम भी तो देखें कैसे आते हैं नाजी पाजी,
मार मार दुश्मन को रण से भगायेंगे॥
‘नाथ’ हम भारती न हारें कभी हिम्मत को,
हमें कलपायेंगे तो कैसे कल पायेंगे॥