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जीवते रहे तो फेर मिलांगे / दयाचंद मायना
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जीवते रहे ता फेर मिलांगे
इजाजत हो थारी अब हम चलांगे...टेक
प्यार की कहानी म्हारी समझैंगे प्यारे
प्यारां के मन एक हांे सैं तन न्यारे-न्यारे
बनके सितारे गगन मैं खिलांगे...
सृष्टि का ज्ञान हो सै प्यार की कहानी से
पाया है भेद हमने ऋषियों की वाणी से
भीगे ना पाणी से, ना अगन मैं जलांगे...
उम्र भर रहेगा प्यार म्हारे मन मैं
मिलते रहैंगे स्वप्न सपन मैं
संसारी चमन मैं फूला फलांगे...
दयाचन्द तेरा छन्द मारूती
गुरु जी का ज्ञान हो सै सारी मजबूती
प्यार की भभूती अंग मैं मलांगे...।