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जीवन के दिन चार मिलिये सब से प्यार से / रंजना वर्मा
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जीवन के दिन चार, मिलिये सब से प्यार से।
खिंचे नहीं दीवार, हिलमिल रहिये प्यार से॥
विविध वर्ण के फूल, खिलते उपवन में सदा।
सीख सरल अनुकूल, यों ही खिलिये प्यार से॥
खग बाला प्रतिमान, आँगन में कलरव करे।
बेटी भरे उड़ान, पालन करिये प्यार से॥
बेटी होती मात, शक्ति स्वरूपा विश्व की।
करे शक्ति का पात, सदा पालिये प्यार से॥
जीवन का हर क्षेत्र, कन्या का स्वागत करे।
ममतामय दो नेत्र, देखा करिये प्यार से॥
दुखमय यह संसार, मत करिये सुख कामना
कर दे यह लाचार, चाह मिटायें प्यार से॥
झूठ सत्य संग्राम, रात दिवस चलता रहे
हो कर अब निष्काम, भजन कीजिये प्यार से॥