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जीवन शोर भरा सन्नाटा / निदा फ़ाज़ली
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जीवन शोर भरा सन्नाटा
ज़ंजीरों की लंबाई तक सारा सैर-सपाटा
जीवन शोर भरा सन्नाटा
हर मुट्ठी में उलझा रेशम
डोरे भीतर डोरा
बाहर सौ गाँठों के ताले
अंदर कागज़ कोरा
कागज़, शीशा, परचम, तारा
हर सौदे में घाटा
जीवन शोर भरा सन्नाटा
चारों ओर चटानें घायल
बीच में काली रात
रात के मुँह में सूरज
सूरज में कैदी सब हाथ
नंगे पैर अक़ीदे सारे
पग-पग लागे काँटा
जीवन शोर भरा सन्नाटा