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जूआ मतना खेलै / दयाचंद मायना
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जूआ मतना खेलै, निर्भाग नास की बेल सै
मान साजन मान, कुणबा तेरी गेल सै...टेक
जिसने बनाया वो भी हार गए, जूआ बुरा तेरा के जाथर
औरां नै बेवकूफ बणावै, आप बण्या फिरै सै चातर
परिवार कुटुम्ब की खातिर, हर मनुष्य बणा फिरै रेल सै...
किसी से लेना, किसी को देना, झंझट है संसारी रासा
यो भी मेरा, यो भी मेरा, ममता जाल जीव का फाँसा
तू समझै खेल तमासा, यो घरवासा सैंटर जेल सै...
कर्ज, मर्ज में स्थान बिगड़ज्या, रह मर्द की पाग नहीं सै
मैं समझाऊं रोज पढ़ाऊं, तू मानै निर्भाग नहीं सै
मरने की लाग नहीं सै, यो जीते जी का मेल सै...
बड़े बड़ां तै सुण राखी सै, नल राजा की कथा कहाणी
जूए के म्हं पाण्डू बिकगे धन-माया की होगी हानि
‘दयाचन्द’ की वाणी, मजबूत समझले ठेल सै...