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ढम्मक-ढम / अमरेन्द्र

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एक्को रोटी मिलै जों कम
काका रोॅ मूँ तम-तम तम
ढम्मक-ढम

कत्तो अच्छा आलूदम
पेट बचाय केॅ कम्मे कम
ढम्मक-ढम

हम्में खैलौं दू चमचम
हेकरै में फूलै छै दम
ढम्मक-ढम

खाय-खाय केॅ पेटू बेदम
पेटू केॅ लै गेलै जम
ढम्मक-ढम

ढम्मक-ढम, ढम्मक-ढम
खा कम्मे कम, ढम्मक-ढम ।