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तमाम जुल्मों को सहने के बाद होता है / जहीर कुरैशी

तमाम जुल्मों को सहने के बाद होता है
निबल का जब भी सबल से विवाद होता है

तो सबसे पहले हुआ औरतों का चीर—हरण
शहर या गाँव में जब भी फसाद होता है

ये पूछना ही गलत है कि किसने याद किया
अमर वही है जो मर कर भी याद होता है

मैं कैसे जीत के लाऊँगा कोई ‘खेल—पदक’
मैं खेलता हूँ तो घर में विषाद होता है

इसीलिए ही चखा होगा बाबा आदम ने
निषिद्ध फल का अलग अपना स्वाद होता है