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तुम्हारा प्यार इस दिल में जगाना भी जरूरी है / रंजना वर्मा

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तुम्हारा प्यार इस दिल में जगाना भी ज़रूरी है।
अगर है ये लगन सच्ची तो पाना भी ज़रूरी है॥

तुम्हारा हो अगर दर्शन हमारी प्यास बुझ जाये
इसी से साँवरे महफ़िल में आना भी ज़रूरी है॥

निकल कर चल पड़े जीवन डगर पर हम अकेले ही
मिले मंज़िल कदम अपना बढ़ाना भी ज़रूरी है॥

विरद है यदि तुम्हारी भक्तजन को तार देने की
किया वादा स्वयं से जो निभाना भी ज़रूरी है॥

तरसते कान राधा के मधुर मृदु बोल सुनने को
उसे घनश्याम मीठी धुन सुनाना भी ज़रूरी है॥

हमे मिल जाओ मनमोहन तुम्हें दिल में बसा लेंगे
तुम्हें निर्द्वन्द्व हो मधुकर बुलाना भी ज़रूरी है॥

तुम्हें पाना अगर है तो जगत को छोड़ना होगा
कठिन है मोह का बन्धन छुड़ाना भी ज़रूरी है॥