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तू इन फूलों से कर न प्यार ! / कांतिमोहन 'सोज़'
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तू इन फूलों से कर न प्यार!
इनका यौवन भी क्षणभंगुर
इनका जीवन भी क्षणभंगुर
पगले इनकी जीवन-चादर
कल हो जाएगी तार-तार !
तू इन फूलों से कर न प्यार ।।
जो सत्ता इन्हें खिलाती है
जो सत्ता इन्हें जिलाती है
पहचान उसे जो इन्हें
खिलाती-मुरझाती है बार-बार !
तू इन फूलों से कर न प्यार ।।