तेरा खेत लामणी आर्या सै ओ छोरे जमींदार के / दयाचंद मायना

तेरा खेत लामणी आर्या सै औ छोरे जमींदार के
काट ले नै धान अपने ढूंग्हे-2 क्यार के...टेक

खूब लगा ले जोर मनै तेरे तै आगै जाणा सै
जवानी का सारा हांगा फेर के म्हं लाणा सै
हमनै मेहनत करकै खाणा सै, बता और म्हारा रोजगार के...

खेती कह धणी के सेती कोठी बंगले महल हमारे
उठण, बेठण, लेटण खातर डले बहान के पहल हमारे
गऊ के जाए बैल हमारे कमाऊं संसार के...

ओहे नर कुमावेंगे जो नींद आलकश त्याग जांगै
खरे दाम, खोटे टोटे पड़ोसियाँ के भाग जांगै
थारै अन्न के ठेके लाग जांगे कोठे भरज्या न्यार के...

तरां-तरां के फूल सज्जनियाँ दुनियां खिलरी गुलदस्ता
माने आले ‘दयाचन्द’ तेरा सुन्दर कहण करारा खसता
कदे महंगा, कदे सस्ता, ये भाव सैं बजार के...

इस पृष्ठ को बेहतर बनाने में मदद करें!

Keep track of this page and all changes to it.