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दर्द पुराना है / निदा फ़ाज़ली
Kavita Kosh से
मेरे तेरे नाम नये हैं, दर्द पुराना है
यह दर्द पुराना है
आँसू हर युग का अपराधी
हर आँगन का चोर
कोई न थामे दामन इसका
घूमे चारों ओर
गुम-सुम हैं संसार-कचहरी, चुप-चुप थाना है
यह दर्द पुराना है
जो जी चाहे वह हो जाए
कब ऐसा होता है
हर जीवन जीवन जीने का
समझौता होता है
जैसे-तैसे दिन करना है, रात बिताना है
यह दर्द पुराना है