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दिये प्राण जिसने वतन के लिये / रंजना वर्मा
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दिये प्राण जिसने वतन के लिये।
तिरंगा है उस के कफ़न के लिये॥
मिटी भूख जब अन्न इस ने दिया
मिला शुद्ध जल आचमन के लिये॥
हवाओं से इस की मिली जिंदगी
मिला ध्येय जीवन मरण के लिये॥
करेंगे हिफ़ाजत सदा देश की
हैं तैयार हम रिपु-दलन के लिये॥
चलो फूँक दें क्रांति का शंख अब
बढ़ें शत्रुओं के शमन के लिये॥
शहीदों ने मज़हब बनाया जिसे
झुकें राष्ट्र के उस नमन के लिये॥
चलो बन के माली ज़रा सींच दें
बहायें लहू इस चमन के लिये॥