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देव कहाँ छै? के जानै छै / नन्दलाल यादव 'सारस्वत'
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दैव कहाँ छै? के जानै छै
जेकरा कानना छै; कानै छै।
सब्भे रेहू-कतला छानै
जोंकोॅ केॅ कौनें छानै छै।
केकरा यहाँ शिकायत करबौ
तोरा यैठां के जानै छै?
कुइयाँ केॅ भत्तै के मतलब
अपने जिनगी केॅ खानै छै।
वही सुखी छै, सुख सेॅ रहतै
जौने सुख मेॅ दुख सानै छै।
सारस्वतोॅ केॅ के पहचानेॅ
टके जहाँ सब पहचानै छै।