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देश निकाला दे देगा तो कहाँ जांयगे / डी. एम. मिश्र
Kavita Kosh से
देश निकाला दे देगा तो कहाँ जांयगे
सब घर द्वार भी ले लेगा तो कहाँ जांयगे
एक जुवैदा का ही प्रश्न नहीं है केवल
हम सबको भी फेंकेगा तो कहाँ जांयगे
हम सब तो बेचारे ठहरे वह राजा है
इक कानून बना देगा तो कहाँ जांयगे
क्या खायेंगे ,क्या पहनेंगे, रहेंगे कैसे
सोचो, ऐसा कर देगा तो कहाँ जांयगे
बाप के बाप के बाप यहाँ कब जन्म लिये थे
यह प्रमाण यदि मांगेगा तो कहाँ जांयगे
पूछ रहे हम आज के तानाशाहों से
वक़्त हमारा आयेगा तो कहाँ जांयगे