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देस-परदेस में जनतंत्र का हंगामा है / शेरजंग गर्ग

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देस-परदेस में जनतंत्र का हंगामा है।
आप ही देखिए सच्चाई है या ड्रमा है।

राजपथ पर धुँआ धुँआ छाया,
धूप समझें इसे हरग़िज़, ये हुक्मनामा है।

जिस इलाकें के सभी लोग आज जीम गए,
जिस इलाकें का मेरा दोस्त ख़ानसामा है।

दारकावासियों में खूब मची है हलचल,
कृष्ण के भेस में आया हुआ सुदामा है।

जब भी उट्ठा है यहाँ नाव डूबने का सवाल,
गान्धी-चर्चा ने तुरंत उसको आन थामा है।

भ्रष्ट रंगों में ज़रा और स्पष्ट हो चमको,
कह रहा, कह रहा ये इंक़लाबनामा है।