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दो दुश्मन / मरीना स्विताएवा
Kavita Kosh से
पैदा हुई है आत्मा यदि पंखों के साथ
महलों और झोपड़ियों से उसे क्या मतलब !
उसे क्या मतलब चंगेज़ खाँ और उसकी फ़ौज से !
दो हैं दुश्मन मेरे इस दुनिया में
दो जुड़वाँ बहनें कभी न जुदा होनेवाली-
भूखों की भूख और तृप्ति तृप्तों की ।
रचनाकाल : 18 अगस्त 1918
मूल रूसी भाषा से अनुवाद : वरयाम सिंह